Shabd Setu
Saturday, April 28, 2012
वरना अफ़सोस के अफ़साने सुने हैं मैंने भी बहुत
"तू मेरी तकदीर की तश्वीर होती तो बेहतर होता
वरना अफ़सोस के अफ़साने सुने हैं मैंने भी बहुत ."
--- राजीव चतुर्वेदी
1 comment:
प्रवीण पाण्डेय
said...
बहुत खूब
April 28, 2012 at 9:29 PM
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1 comment:
बहुत खूब
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