"सवाल यह नहीं कि आप पत्रकार है ...सवाल यह नहीं कि आप बुद्धिजीवी है
...सवाल यह है कि आप तिरष्कृतों के प्रवक्ता हैं या पुरष्कृतों के ? ....आप
बुद्धिजीवी है या बुद्धिखोर ? ...आप अगर बुद्धिजीवी हैं तो यह भी बताइये
कि आप वृहष्पति की परम्परा के हैं या शुक्राचार्य की ?...और यह भी तो
बताइये कि सत्य बोलना आपका संस्कार है या इसकी शर्तें हैं ...सत्य के
...सूचना के ...संवेदना के ...समाचार के आढ़तिये को क्या पत्रकार कहा जा
सकता है ? ...इस दौर में व्यथा वाचक से ज्यादा कमाते हैं कथा वाचक ...सत्य
...सूचना ...समाचार ...संवेदना यदि आढ़त पर ...दुकान पर बिकने बाली चीज हो
गयी तो जिसकी क्रय क्षमता होगी वही खरीदेगा सत्य /सूचना /समाचार और संवेदना
...और जिसकी क्रय क्षमता नहीं होगी वह क्या करेगा ? फिर क्यों कहते हो
Mass Media यानी जन संचार , क्यों नहीं कहते अपने आपको Class Media यानी
'प्रतिष्ठितों का प्रचार' ...ऐसे बाजारू परिदृश्य में दूरदर्शन की सामाचार
सुंदरियां समाचार कोठे पर बैठी हैं बस अंतर यह है कि गुजरे जमाने की वैश्या
मुजरा सुनाती थी और यह समाचार का शिजरा सुनाती हैं ....जब समाचार का
सरोकार सत्य से नहीं इष्ट साधना से होगा तो उस इष्ट साधना का अभीष्ट कोई
समाचार भवन यानी News House नामक कोठा होगा ...बाजार का आचरण और बाजार का
व्याकरण लागू होगा ....सत्य की प्रतिबद्धता के संस्कार की बात यहाँ ठीक
वैसी है जैसे कोई रण्डी के कोठे पर हनुमान चालीसा पढने लगे ... इन समाचार
कोठों पर समाचार के साथ सुन्दर देहयष्टि बेचती समाचार सुंदरियां हैं
....कुछ गजरा सा बेचते, कुछ मुजरा सा बेचते किसी हूर के नूर पर गुरूर करने
वाले किसी 'शब्द भडुए' को हम पत्रकार कहने लगते हैं जो नूर ,हूर .शराब के
सुरूर , और किसी नेता या नौकरशाह से परिचय होने के गुरूर में इन शब्द कोठों
पर शब्द सारंगी, सूचना कब्बाली गाता है , कजरा ,गजरा ,मुजरा सब कुछ सुनाता
है बस समाचार नहीं सुनाता क्योंकि 'समाचार' यानी कि 'सम' + 'आचार " (आचरण )
यानी कि Equitable Attitude की जरूरत होती है . आत्ममुग्धता से उबरो हे
पत्रकार और बताओ कि तुम बुद्धिजीवी हो या बुद्धिखोर ? ...यह भी बताओ कि तुम
तिरष्कृतों के प्रवक्ता हो या पुरष्कृतों के ?...आम आदमी के प्रवक्ता हो
या ख़ास आदमी के ? ...यह भी तो बताइये कि सत्य बोलना आपका संस्कार है या
इसकी शर्तें हैं ...और अगर सत्य बोलने की शर्तें हैं तो क्या ?" ------
राजीव चतुर्वेदी
1 comment:
बहुत सुंदर
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