Shabd Setu
Wednesday, April 4, 2012
आहत है वह
"
मैं नहीं हूँ अब वहां
हो सके तो अक्स को अहसास दो
आहत है वह.
"
-----राजीव चतुर्वेदी
1 comment:
प्रवीण पाण्डेय
said...
गहरा..
April 5, 2012 at 4:55 AM
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गहरा..
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