Friday, February 24, 2012

छत पे अकेले में वो मेरे साथ है

"रात के पहले पहर में
छत पे अकेले में वो मेरे साथ है

अर्थ जब कुछ व्यर्थ से ही हो चले हों
शब्द भी सहमे खड़े हों रास्ते में
संस्कारों के विकारों और प्रकारों से बहुत ही दूर
लोकलाजों के विवादों से इतना दूर कि मेरे पास है
उदासी के अँधेरे में वो पूरी रात मेरे साथ था, तुम क्या जानो
रात के पहले पहर में
छत पे अकेले में वो मेरे साथ है
वो तारा और मैं."                
   ------राजीव चतुर्वेदी

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