"कौन परिवार के बुजुर्ग की तरह नसीहत दे रहा है और कौन आवारा लड़के की तरह बिना बात आतंकवाद की धमकी दे रहा है देखिये --- वरिष्ठकवि गोपाल दास 'नीरज ' आतंकवादियों को बड़े बुजुर्ग की तरह समझाते हुए कहते हैं --
"आग ले कर हाथ में पगले डराता है किसे ? जब न ये बस्ती रहेगी तू कहाँ रह जाएगा ? " ---नीरज
शायर राहत इन्दौरी मुसलमान आतंकवादीयों को भड़काते हुए मुसलमानों की तरफ से देश को धमकी देते हुए कहते हैं --- "अगर यह पांच वक्तों के नवाजी है सचमुच में दहशतगर्द हो जाएँ तब क्या होगा ?" ---राहत इन्दौरी
दहशतगर्दी की मुखर और मूक पक्षधरता और अघुलनशील चरित्र इस देश में सभी
नागरिकों के घुल मिल कर रहने में बड़ी बाधा है . मैं पहले दौड़ -दौड़ कर ईद
मिलता था पर अब सोचता हूँ मुझसे होली मिलने , दीपावली मिलने कितने मुसलमान
साथी आते हैं तो पाता कि कोई नहीं --क्यों ? मैं कई अपने बड़े बुजुर्गों से
आदाब करते करते बड़ा हो गया पर आज तक मुझसे किसी मुसलमान ने "जय राम जी की "
या "जय श्री कृष्ण" नहीं कहा . जिस धरती पर पैदा हुए और जहां सुपुर्द-ए
-ख़ाक होगे उस धरती के शुक्रगुजार हो कर किसी ने "वन्दे मातरम" कभी कहा हो
तो बताओ ...वरना चुप हो जाओ ." ---- राजीव चतुर्वेदी
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