"धूल उड़ाती जाती यादें
धन्यवाद मुझको देती हैं
और तुम्हारे दिल की धड़कन
खामोशी से कुछ कहती है
संदेशों को संकेतों से समझो यारो
एक चहकती चिड़िया
संगीतों के मानक गढ़ती बियाबान में
कर्णप्रिय कहने को हमसे
जंगल में मंगल करने को जाने क्या-क्या सहती है ."
----- राजीव चतुर्वेदी
धन्यवाद मुझको देती हैं
और तुम्हारे दिल की धड़कन
खामोशी से कुछ कहती है
संदेशों को संकेतों से समझो यारो
एक चहकती चिड़िया
संगीतों के मानक गढ़ती बियाबान में
कर्णप्रिय कहने को हमसे
जंगल में मंगल करने को जाने क्या-क्या सहती है ."
----- राजीव चतुर्वेदी
2 comments:
मीठी मीठी बातों के दिन।
सचमुच क्या क्या सहती है चिड़िया....और हम...उसे उसके घरौंदों में भी महफ़ूज नहीं रहने देते ।
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