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भगवान् कृष्ण ने आज नरकासुर का वध करके उसके शोषण से 16000 महिलाओं
को मुक्त कराया था। नरकासुर का राज्य वर्तमान भारत के पूर्वोत्तर राज्यों
(असाम /सिक्किम /मेघालय मणिपुर ) में था। यह हमला करके महिलाओं को उठा
लेजाता था। कृष्ण महिला समानता और स्वतंत्रता के पक्षधर थे। जब उनको
नरकासुर की करतूतों का पता चला तो उन्होंने लगभग कमांडो की शैली
में कार्यवाही करते हुए नरकासुर का वध किया था। किन्तु न भूलें अभी नरकासुर
के और भी छोटे, बड़े, मझोले संस्करण समाज में मौजूद हैं। अभी भी नरकासुर के
क्षेत्र से विश्व की सब से ज्यादा
बाल वेश्याएं आ रही हैं। अभी भी वहां देह व्यापार के सबसे बड़े अड्डे हैं।
अभी भी भारतीय समाज में दहेज़खोर हैं ...अभी भी महिलाओं को मुकम्मल मुक्ति
नहीं मिली है। क्या आज के दिन हम भगवान् कृष्ण से कोइ प्रेरणा लेंगे ?
नरकासुर केनाम से ही इस दिन को नरक चतुर्दसी कहते हैं। नारी शोषण की
मानसिकता का आज वध हुआ था अतः आज
हम मनाते हैं महिला मुक्ति दिवस !! "---राजीव चतुर्वेदी
2 comments:
सुन्दर प्रस्तुति!
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दीवाली का पर्व है, सबको बाँटों प्यार।
आतिशबाजी का नहीं, ये पावन त्यौहार।।
लक्ष्मी और गणेश के, साथ शारदा होय।
उनका दुनिया में कभी, बाल न बाँका होय।
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आपको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ!
नरकासुर के सामंत आज भी हैं।
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