Shabd Setu
Wednesday, November 28, 2012
शायद उनकी नज़रों में मैं पाकीज़ा नहीं
"
मैं मेहनत करती हूँ
मेरी आत्मा में खरोंचें हैं
पैरों में विबाईयाँ
शायद उनकी नज़रों में मैं पाकीज़ा नहीं
कि लोग मुझसे भी कहें --
आपके पाँव बहुत सुन्दर हैं
इन्हें जमीन पर मत रखना
."
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राजीव चतुर्वेदी
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