Shabd Setu
Sunday, October 14, 2012
देह के सपने
"
देह के सपने मुझे आते नहीं हैं,
देश के सपने मुझे सोने नहीं देते.
"
---राजीव चतुर्वेदी
1 comment:
प्रवीण पाण्डेय
said...
सच है, यह सब देख मन चीत्कार कर उठता है।
October 14, 2012 at 8:41 PM
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सच है, यह सब देख मन चीत्कार कर उठता है।
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