यहाँ कुर्सीयों पर लाश ही दीखती है
"बैचैन रातों में बच कर निकलना
यहाँ तो दीवार भी चीखती है
आत्मा की अर्थीयाँ ढो रहे हैं यहाँ पर
पदों के कदों की नाप करना नहीं
परछाईयों की पैमाइश गलत दीखती है
ये पीएम ...ये सीएम ...ये डीएम...ये सत्ता के शोहदे ...ये ओहदे
यहाँ कुर्सीयों पर लाश ही दीखती है." ----राजीव चतुर्वेदी
1 comment:
बनाने वाले बना देते हैं..
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