Shabd Setu
Tuesday, July 10, 2012
अवसरों की चूक का अवसाद क्या होगा ?
"अब कि जब तू नहीं है शब्द हैं केवल तो संवाद क्या होगा ?
मैं लडखडाया था
शब्द सहारा थे
अवसरों की चूक का अवसाद क्या होगा ?"
-----राजीव चतुर्वेदी
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