Shabd Setu
Tuesday, July 31, 2012
और मैं आस में इन्कलाब लिए बैठा हूँ
"
लोग लाशों में भी इश्क तलाश लेते हैं,
और मैं आस में इन्कलाब लिए बैठा हूँ.
"
---राजीव चतुर्वेदी
2 comments:
प्रवीण पाण्डेय
said...
बहुत खूब..
July 31, 2012 at 8:20 PM
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
said...
बहुत सुन्दर!
श्रावणी पर्व और रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
August 2, 2012 at 3:58 AM
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2 comments:
बहुत खूब..
बहुत सुन्दर!
श्रावणी पर्व और रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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