Shabd Setu
Monday, June 18, 2012
जब तलक आँख में उनके पानी था मैं पी लेता था
"शाकी, पैमाने ,मैखाने रिंद और जाम न रहे,
मुगलिया सल्तनत ढह गयी और वैसे आवाम न रहे.
जब तलक आँख में उनके पानी था मैं पी लेता था,
अब उनकी आँखों में पानी भी न रहा, ओस में नहाने वाले भी न रहे."
-----राजीव चतुर्वेदी
1 comment:
प्रवीण पाण्डेय
said...
बहुत खूब..
June 18, 2012 at 10:30 AM
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1 comment:
बहुत खूब..
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