Friday, August 10, 2012

प्रथम कृषक नेता श्री कृष्ण जन्म दिवस की बधाई !!



"युद्ध और बुद्धि के समानुपातिक चरित्र, दार्शनिक , विछोह की विडंबना पर प्यार के प्रणेता. प्रथम कृषक नेता श्री कृष्ण जन्म दिवस की बधाई !! राजशाही के भोगवाद के विरुद्ध उत्पादकों का आन्दोलन चलाने वाले श्री कृष्ण के नाम पर ही उनके कार्यकर्ताओं को कृषक कहा गया." -----राजीव चतुर्वेदी
" !! भगवान् कृष्ण ने नरकासुर का वध करके उसके शोषण से 16000 महिलाओं को मुक्त कराया था। यह घटना दीपावली के पहले हुयी थी जिस कारण इसे नरक चतुर्दसी के रूप में मनाते हैं। नरकासुर का राज्य वर्तमान भारत के पूर्वोत्तर राज्यों (असाम /सिक्किम /मेघालय मणिपुर ) में था। यह हमला करके महिलाओं को उठा लेजाता था। कृष्ण महिला समानता और स्वतंत्रता के पक्षधर थे। जब उनको नरकासुर की करतूतों का पता चला तो उन्होंने लगभग कमांडो की शैली में कार्यवाही करते हुए नरकासुर का वध किया था। किन्तु न भूलें अभी नरकासुर के और भी छोटे, बड़े, मझोले संस्करण समाज में मौजूद हैं। अभी भी नरकासुर के क्षेत्र से विश्व की सब से ज्यादा बाल वेश्याएं आ रही हैं। अभी भी वहां देह व्यापार के सबसे बड़े अड्डे हैं। अभी भी भारतीय समाज में दहेज़खोर हैं ...अभी भी महिलाओं को मुकम्मल मुक्ति नहीं मिली है। क्या आज के दिन हम भगवान् कृष्ण से कोइ प्रेरणा लेंगे ? नरकासुर केनाम से ही उस दिन को नरक चतुर्दसी कहते हैं। नारी शोषण की मानसिकता का नरक चतुर्दसी को वध हुआ था अतः नरक चतुर्दसी को हम भारतीय संस्कृति के लोग मनाते हैं महिला मुक्ति दिवस !! "---राजीव चतुर्वेदी
================================

"
हो सके तो राधिका से पूछ लेना
कृष्ण संयोगों का समर्पण था या वियोगों का वीतरागी
महाभारत का सारथी द्वारिका के द्वार पर कैसे था पहुंचा ?

राजपथों से फुटपाथों तक

शांतिपर्व से सुकरातों तक सूक्तिवाक्य समझे क्या तुमने ?
समझो अभी तुम "वाध्य" "साध्य " और "आराध्य" के बीच का विस्तार 
राधिका और द्वारिका के बीच की दूरी
पूजना मत पूतना को इन युगों में ..."

!!
द्वापर के प्रणेता, हर तिरष्कार को स्वीकार कर पुरुष्कार का स्वरूप देने वाले, समस्त रागों के साथ अनुराग से वीतराग के यात्री, राजसत्ता को पहली आचार संहिता बताने वाले और विश्व का पहला किसान आन्दोलन खड़ा करनेवाले श्री कृष्ण के जन्म दिन की बधाई !! ------राजीव चतुर्वेदी

3 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति!
इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (11-08-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
--
♥ !! जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ !! ♥

Rajesh Kumari said...

बहुत सुन्दर ज्ञान दिया इस पोस्ट से आपको बधाई

प्रवीण पाण्डेय said...

कृष धातु का अर्थ खींचने से है..