Tuesday, August 19, 2014

मैं अपना होता तो होता कैसे ?

"मैं
मैं थोड़ा पिता का
थोड़ा माता का
थोड़ा दादी का, थोड़ा दादा का
थोड़ा बहन का, थोड़ा भाई का
थोड़ा बुआ का, थोड़ा मौसी का
शेष बचा पड़ौसी का
कुछ-कुछ प्रेमिका का
बहुत कुछ पत्नी का
शेष बचा समाज का

मित्रों में कुछ ख़ास का
मैं इसका हूँ
मैं उसका हूँ
मैं अपना भी होना चाहता था
पर शेष बचा नहीं कुछ
मैं पूरा बंट चुका था , बचा ही नहीं
मैं अपना होता तो होता कैसे ?"
----- राजीव चतुर्वेदी

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