Friday, May 3, 2013

वैश्यालय का कुटीर उद्योग है Live in Relationship


"लिव इन रिलेशनशिप पर वीभत्स सी बहस चल पडी है ...Live in Relationship Vs. Die in Relationship . Live in Relationship की परिणिति पुरुषों के लिए छिनरफंद की आज़ादी और महिलाओं का Sexual Apparatus में बदल जाना ही है और जब महिला मनुष्य नहीं महज Sexual Apparatus हो जायेगी तो उसका यानी मशीन का Depreciation यानी अवमूल्यन तो होगा ही . यही नहीं हम कालान्तर में बेटी /बहन /माँ /भाभी जैसे एक महिला के बहुरंगी रिश्ते भी खो देंगे ...एक दिन वह भी आयेगा जब Charted Plane /Charted Taxi की ही तरह Charted Sexual Apparatus होंगे . Animal Sex का दौर शुरू होगा ...महिला और पुरुष जब तक Sexual Apparatus की कार्यकुशल मशीन होंगे तभी तक अर्थ रखेंगे वरना व्यर्थ हो जायेंगे ...चूंकि धन पर अभी पुरुष आधिपत्य है अतः प्रौढ़ /बूढ़ी महिलायें वक्त के कूड़ेदान में डाल दी जायेंगी ...स्त्री का सामाजिक/ आर्थिक अवमूल्यन होगा जिसमें 40 वर्ष से ऊपर की महिला घटी दर पर, 50 वर्ष के ऊपर की महिला फटी दर पर और 60 साल के ऊपर की महिला दरबदर हो कर दर -दर की ठोकर खायेगी ...जवान महिला अगर बीमार हुयी तो लाबारिश हो जायेगी ...बृद्धाअवस्था आश्रमों में भीड़ लग जायेगी ...परिवार संस्थाएं टूट जायेंगी ...वैश्यालय का कुटीर उद्योग है Live in Relationship ." -----राजीव चतुर्वेदी

1 comment:

DR. ANWER JAMAL said...

कोई भी ऐसा माध्यम नहीं है जहाँ पर नारी अपने देह का प्रदर्शन ना करती हो. स्थिति तो यहाँ तक पहुँच चुकी है कि उसने देह को एक माध्यम बना लिया है अपने आगे बढ़ने का जिसे हम दूसरे शब्दों में सफलता भी कहते हैं. आज फिल्म और विज्ञापन की ही अगर हम बात करें तो क्या स्थिति है. बस पैसा दो और कुछ भी करवा लो??
See:
Live in relationship पर वीभत्स सी बहस
http://blogkikhabren.blogspot.in/2013/05/live-in-relationship.html