"मेरे पास सवाल
तुम्हारे पास उत्तर थे
हम हमेशा एक -दूसरे की प्रतीक्षा में रहे
मिले तो मिले परीक्षा में
अंक पत्रों की समीक्षा में
और फिर मिले ही नहीं
प्रतीक्षा
परीक्षा
समीक्षा
'प्यार' त्रिभुज का चौथा कोना चुप सा बैठा है ."
----राजीव चतुर्वेदी
तुम्हारे पास उत्तर थे
हम हमेशा एक -दूसरे की प्रतीक्षा में रहे
मिले तो मिले परीक्षा में
अंक पत्रों की समीक्षा में
और फिर मिले ही नहीं
प्रतीक्षा
परीक्षा
समीक्षा
'प्यार' त्रिभुज का चौथा कोना चुप सा बैठा है ."
----राजीव चतुर्वेदी
1 comment:
बेहतरीन..
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