Friday, September 4, 2015

मुझे चिंता या भीख की आवश्यकता नहीं धनानंद, मैं शिक्षक हूँ



" मुझे चिंता या भीख की आवश्यकता नहीं धनानंद,
मैं शिक्षक हूँ,
यदि मेरी शिक्षा में सामर्थ्य है तो अपना पोषण करने वाले सम्राटों का निर्माण मैं स्वयं कर लूँगा ."

-चाणक्य ( विश्व का सर्वोच्च शिक्षक)

1 comment:

Kailash Sharma said...

बिलकुल सच जिसे चाणक्य ने अपने जीवन से सिद्ध कर दिया था...