मुझे चिंता या भीख की आवश्यकता नहीं धनानंद, मैं शिक्षक हूँ
" मुझे चिंता या भीख की आवश्यकता नहीं धनानंद, मैं शिक्षक हूँ, यदि मेरी शिक्षा में सामर्थ्य है तो अपना पोषण करने वाले सम्राटों का निर्माण मैं स्वयं कर लूँगा ." -चाणक्य ( विश्व का सर्वोच्च शिक्षक)
1 comment:
बिलकुल सच जिसे चाणक्य ने अपने जीवन से सिद्ध कर दिया था...
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