Wednesday, September 2, 2015

33 करोड़ नहीं , 33 प्रकार के देवी -देवता


"ज्ञान कुपड्धों या अल्पज्ञानी विवेकहीन के विकृत हो जाता है ...दृष्टांत कब दुष्टान्त में बदल जाता है पता ही नहीं चलता ...हिन्दुओं के 33 कोटी देवी देवता हैँ , इसको मूर्खों /कुपड्धों ने प्रचारित किया कि हिन्दुओं में 33 करोड़ देवी -देवता हैं । यहाँ "कोटि" का अर्थ है "प्रकार"। देवभाषा संस्कृत में "कोटि" के दो अर्थ होते है, कोटि का मतलब "प्रकार" होता है और एक अर्थ "करोड़" भी होता। हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं...वास्तव में हिन्दू धर्म में कुल 33 प्रकार के देवी देवता का ही वर्णन है जो इस तरह वर्गीकरण (प्रकार ) में हैं --प्रथम 12 प्रकार हैँ --- आदित्य , धाता, मित, आर्यमा, शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष, सविता, तवास्था, और विष्णु...! द्वितीय 8 प्रकार हैं --- वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष ... और तृतीय 11 प्रकार है :- रुद्र: ,हर, बहुरुप, त्रयँबक, अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी, रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली। एवँ दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार। इस तरह कुल 12+8+11+2=33 कोटि यानी प्रकार हुए ." ----- राजीव चतुर्वेदी

1 comment:

कविता रावत said...

सुनी सुनाए पर विश्वास करने वाले होते हैं हम हिन्दू धर्म को मानने वाले इसलिये गहराई में नहीं जाते नहीं सोचते। । बिडम्बना है यह हमारी ...