Tuesday, April 7, 2015

ऐ खुदा ... मैं तुझे बर्खास्त करता हूँ

"खुदा
यह खून के धब्बे जो बिखरे हैं तेरे दामन पे ,
तू मुंसिफ हो नहीं सकता
तू मुद्दयी बन नहीं पाया
मेरे मुकद्दर में तू मुलजिम है

और मैं मुद्दई ...हूर के नूर से रंगीन मुलजिम रक्स करते हैं
और मैं तेरे ही गुनाहों से ग़मगीन
जिस दिन तू खुद ही धो सके यह खून के धब्बे अपने दामन से

चला आना
मैं खुद ब खुद तुझको खुदा कहने लगूंगा
मैं तेरा इंतज़ार करता हूँ क़यामत तक
तब तक मैं तुझे बर्खास्त करता हूँ
." ---- राजीव चतुर्वेदी
 
"ऐ खुदा
अगर यह तेरी मर्जी से हुआ है
तो तू बहुत गन्दा है ...थू तुझ पर
और
अगर यह तेरी मर्जी से नहीं हुआ

तो तू नाकारा
मैंने सोचा था तू रहमदिल है
तेरे बन्दे ही गंदे होंगे

इबादत के नाम पर सियासत से रियासत बनाने वाले
मौलवी और इमाम की दूकान पर धंधे होंगे
अब तो तेरा रहम वहम ही निकला
अगर तू खुदा है तो लौटा दे मेरे बच्चों को
वरना अब चीख कर मैं कहता हूँ
तू या तो कातिल है या नाकारा
आज अपनी औलाद के साथ
अल्लाह तेरे अकीदे को
सुपुर्द ऐ ख़ाक मैं कर आया .
"
----- राजीव चतुर्वेदी

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