"ये कैसा घर है ?
कौन रहता है यहाँ ?
रातरानी की सुगंधों से यह महरूम है
गौरैया भी यहाँ नहीं रहती
हवाएं आकर यहाँ लौट जाती है
गंभीर दिखने की कोशिश में
मनहूस से कुछ लोग दिखते हैं यहाँ
यहाँ बच्चे तो हैं पर उनके दादी -दादा नहीं दिखते
और तुलसी का घरोंदा है कहाँ ?
एक दिन बच्चे यहाँ के पूछ बैठेंगे
आँगन किसे कहते हैं लोग ?
सुना है लिफ्ट से जिस सभ्यता ने नापी थी बुलंदी
लौट आयी है धरातल पर
फ्लेट की चाबी लिए
तेरे गुमान का गाँव के आँगन को अनुमान होगा
ये कैसा घर है ?
कौन रहता है यहाँ ?
गंभीर दिखने की हर कोशिश में मनहूस सा दिखता हुआ
फ्लेट है यह यहाँ आँगन नहीं होता
लिफ्ट ले कर चढ़ने वाले उतरते हैं धरातल पर."---- राजीव चतुर्वेदी
कौन रहता है यहाँ ?
रातरानी की सुगंधों से यह महरूम है
गौरैया भी यहाँ नहीं रहती
हवाएं आकर यहाँ लौट जाती है
गंभीर दिखने की कोशिश में
मनहूस से कुछ लोग दिखते हैं यहाँ
यहाँ बच्चे तो हैं पर उनके दादी -दादा नहीं दिखते
और तुलसी का घरोंदा है कहाँ ?
एक दिन बच्चे यहाँ के पूछ बैठेंगे
आँगन किसे कहते हैं लोग ?
सुना है लिफ्ट से जिस सभ्यता ने नापी थी बुलंदी
लौट आयी है धरातल पर
फ्लेट की चाबी लिए
तेरे गुमान का गाँव के आँगन को अनुमान होगा
ये कैसा घर है ?
कौन रहता है यहाँ ?
गंभीर दिखने की हर कोशिश में मनहूस सा दिखता हुआ
फ्लेट है यह यहाँ आँगन नहीं होता
लिफ्ट ले कर चढ़ने वाले उतरते हैं धरातल पर."---- राजीव चतुर्वेदी
1 comment:
ये कैसा घर है। यहां रहते हैं यंत्रमानव. दौडते भागते, पैसे के पीछे, फिर कहैाँ की तुलसी कैसा आंगन।
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