"मेरे लेखन का मूल्यांकन
साहित्य अकादमी नहीं
सिसमोग्राफ करेगा
और एक दिन नापी जायेगी उसकी तीव्रता
रिक्टर स्केल पर
भूगर्भ के सन्दर्भ साहित्य में स्वीकार कर लेना
धरती और शब्द जब करवट बदलते हैं
तो एक सभ्यता सहम जाती है
और ढह चुकी सभ्यता के मलवे में फूटती हैं नयी कोंपल
भूगर्भ के सन्दर्भ साहित्य में स्वीकार कर लेना
मेरे लेखन का मूल्यांकन
साहित्य अकादमी नहीं
सिसमोग्राफ करेगा
और एक दिन नापी जायेगी उसकी तीव्रता
रिक्टर स्केल पर ." -----राजीव चतुर्वेदी
साहित्य अकादमी नहीं
सिसमोग्राफ करेगा
और एक दिन नापी जायेगी उसकी तीव्रता
रिक्टर स्केल पर
भूगर्भ के सन्दर्भ साहित्य में स्वीकार कर लेना
धरती और शब्द जब करवट बदलते हैं
तो एक सभ्यता सहम जाती है
और ढह चुकी सभ्यता के मलवे में फूटती हैं नयी कोंपल
भूगर्भ के सन्दर्भ साहित्य में स्वीकार कर लेना
मेरे लेखन का मूल्यांकन
साहित्य अकादमी नहीं
सिसमोग्राफ करेगा
और एक दिन नापी जायेगी उसकी तीव्रता
रिक्टर स्केल पर ." -----राजीव चतुर्वेदी
2 comments:
शब्द स्वयं ही सामर्थ्यशाली हैं, बस उनका प्रकटीकरण समय निर्धारित कर दे।
behad asardaar
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