tag:blogger.com,1999:blog-7487831862284135803.post764363954083846069..comments2023-06-25T03:31:24.608-07:00Comments on Shabd Setu: जिस दिन चार्ली चैपलिन को देख कर तुम हँसे थे Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/15756910108770679327noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7487831862284135803.post-41491924735629859722013-08-09T22:16:46.978-07:002013-08-09T22:16:46.978-07:00बंधनों के मजाक में गहरी पीड़ा छिपी होती है।बंधनों के मजाक में गहरी पीड़ा छिपी होती है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7487831862284135803.post-44353109853288623932013-08-08T12:37:32.081-07:002013-08-08T12:37:32.081-07:00"तभी तो तुम हँस रहे हो
क्योंकि दरअसल रोना चाह..."तभी तो तुम हँस रहे हो<br />क्योंकि दरअसल रोना चाहते हो" <br />---नासमझ हंसी को सच का आइना दिखाती यह रचना प्रशंसनीय है |<br />====<br />"जिनके होठों पे हँसी पाँव में छाले होंगे "<br />-----<br />"उनकी आँखों में ही जिदगी के माने होंगे "<br />Kishore Nigamhttps://www.blogger.com/profile/14027286727092642522noreply@blogger.com